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18-11-2024
गंगा डाल्फिन के लिए एंबुलेंस सेवा पर मुहर, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 18-11-202415-11-2024
नई राष्ट्रीय जल नीति की दिशा में आगे बढ़ी सरकार, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 15-11-202405-11-2024
यमुना में बिना शोधित पानी गिरने की समस्या छह माह में होगी दूर : शेखावत, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनां01-11-2024
ईआरसीपी की डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू, दायरा बढ़ेगा, राजस्थान पत्रिका, जयपुर, दिनांक: 01-11-202417-10-2024
इंद्रावती से महानदी को जोड़ेगी 131 किमी लंबी नहर, इससे बस्तर को बाढ़ के खतरे से निजात, महासमुंद में धान म27-09-2024
एसटीपी की शोधन क्षमता का होगा अध्ययन, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक 27.09.202427-09-2024
महिला अधिकारी ने संवारे तालाब, बढ़ने लगा जलस्तर, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक 27.09.202426-09-2024
15-20 दिनों में तैयार होगी मप्र के सभी बांधों की DPR, दैनिक भास्कर, भोपाल, दिनांक 26.09.2024
रा.ज.वि.अ. मे आपका स्वागत है
श्री बालेश्वर ठाकुर महानिदेशक, रा.ज.वि.अ.
केंद्रीय जल आयोग और तत्कालीन सिंचाई मंत्रालय (अब जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर, आरडी और जीआर)) द्वारा तैयार राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के प्रायद्वीपीय नदी विकास घटक को ठोस आकार देने एवं व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली के जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए वैज्ञानिक और यथार्थवादी आधार पर जल संतुलन और अन्य अध्ययन के लिए राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (राजविअ) की स्थापना जुलाई 1982 में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्त सोसाइटी के रूप में की गई थी। वर्ष 1990 में, राजविअ को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के हिमालयी घटक का कार्य भी सौंपा गया था। वर्ष 2006 में यह निर्णय लिया गया था कि राजविअ अंतर-राज्यीय लिंकों की व्यवहार्यता का पता लगाएगा और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के अंतर्गत नदी लिंक प्रस्तावों की…...और देखें