क्या खबर है play
01-01-2025
उत्तर पूर्वी राज्यों का 100% भूजल सिंचाई के लिए उत्तम श्रेणी का, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक 01-01-202526-12-2024
बुंदेलखंड में खुशहाली के नए दरवाज़े खोलेगा केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट-पीएम, नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली,24-12-2024
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना चंबल और मालवा क्षेत्र को करेगी समृद्ध, दैनिक जागरण, नई दिल्ली,24-12-2024
केन-बेतवा लिंक परियोजना से बदलेगी बुंदेलखंड की तस्वीर, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक 24.12.202424-12-2024
केन-बेतवा लिंक से मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में 10 जिलों को मिलेगा लाभ, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक 24.24-12-2024
केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट कल होगा शुरू, किसानों को लाभ, नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली, दिनांक 24.12.202416-12-2024
मोदी की मौजूदगी में पार्वती, कालीसिंध चंबल नदी योजना पर समझौता होगा, दैनिक भास्कर, ग्वालियर, दिनांक:14-12-2024
प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसम्बर को खजुराहो में करेंगे केन-बेतवा लिंक परियोजना का भूमिपूजन, दैनिक भास्13-12-2024
2 हजार करोड़ से बनेगी केन-बेतवा लिंक नहर, 3 माह में पूरी होगी टेंडर प्रक्रिया, दैनिक जागरण, झाँसी, दिनां12-12-2024
पीकेसी परियोजना; मप्र में 17 की जगह बनेंगे 21 बांध-बैराज... सिंचाई क्षमता दोगुनी होगी, दैनिक भास्कर, ग्व11-12-2024
मोदी 17 को पार्वती-चंबल, 26 से पहले केन-बेतवा प्रोजेक्ट का भूमिपूजन करेंगे, दैनिक भास्कर, ग्वालियर, दिन09-12-2024
पहाड़ खोदकर सहेजा पानी, दूर हुई वर्षो की पेयजल समस्या, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक 09-12-202407-12-2024
दौधन डैम के लिए इसी महीने शिलान्यास कर सकते है मोदी, दैनिक भास्कर, ग्वालियर, दिनांक 07-12-202403-12-2024
कोसी-मेची लिंक का केंद्र योजनाबद्ध तरीके से कर रहा है विस्तार: पाटिल, प्रभात खबर, पटना, दिनांक : 03-12-202402-12-2024
भावनाओं से जुड़ा तो घर-घर पहुंचा 'कल के लिए जल' अभियान, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक 02-12-2024
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श्री बालेश्वर ठाकुर महानिदेशक, रा.ज.वि.अ.
केंद्रीय जल आयोग और तत्कालीन सिंचाई मंत्रालय (अब जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर, आरडी और जीआर)) द्वारा तैयार राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के प्रायद्वीपीय नदी विकास घटक को ठोस आकार देने एवं व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली के जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए वैज्ञानिक और यथार्थवादी आधार पर जल संतुलन और अन्य अध्ययन के लिए राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (राजविअ) की स्थापना जुलाई 1982 में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्त सोसाइटी के रूप में की गई थी। वर्ष 1990 में, राजविअ को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के हिमालयी घटक का कार्य भी सौंपा गया था। वर्ष 2006 में यह निर्णय लिया गया था कि राजविअ अंतर-राज्यीय लिंकों की व्यवहार्यता का पता लगाएगा और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के अंतर्गत नदी लिंक प्रस्तावों की…...और देखें