क्या खबर है play
13-03-2025
सीवेज ढांचे में कमी से नदियां हो रही प्रदूषित, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 13-03-202512-03-2025
क्लाउड सीडिंग से वर्षा की कमी होगी पूरी, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 12-03-202510-03-2025
विज्ञानियों ने चेताया - गंभीर हो रही है जलवायु परिवर्तन की समस्या, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 10-03-205-03-2025
अरावली ग्रीन परियोजना से सुधरेगा इकोसिस्टम, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 05-03-202503-03-2025
यमुना पर दिल्ली को मिला केंद्र का साथ , बन रहा मास्टर प्लान, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 03-03-202520-02-2025
यमुना संसद में निकलेगा दिल्ली की समस्या का समाधान, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 20-02-202520-02-2025
जल प्रबंधन पर राज्यों को सहमत करने की कोशिश, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 20-02-202517-02-2025
जल शोधन के साथ खाद भी देता है ग्रीन एसटीपी, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 17-02-202513-02-2025
PKC-ERCP की डीपीआर 15 दिन में तैयार होगी, राजस्थान को 4102 एमसीएम पानी मिलेगा, दैनिक भास्कर, जयपुर, दिनांक: 13-02-20212-02-2025
शहरी परिवहन, यमुना, कचरा व प्रदूषण पर बदल सकती है एनसीआर की सूरत, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक 12-02-202501-02-2025
जारी रहेगा जल जीवन मिशन, रख रखाव पर जोर, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 01-02-2025,01-02-2025
शहरों में विकास के साथ पर्यावरण की चुनौती, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 01-02-202528-01-2025
तीन राज्यों की जल कार्ययोजना को मंजूरी, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक 28-01-2025
रा.ज.वि.अ. मे आपका स्वागत है
श्री बालेश्वर ठाकुर महानिदेशक, रा.ज.वि.अ.
केंद्रीय जल आयोग और तत्कालीन सिंचाई मंत्रालय (अब जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर, आरडी और जीआर)) द्वारा तैयार राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के प्रायद्वीपीय नदी विकास घटक को ठोस आकार देने एवं व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली के जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए वैज्ञानिक और यथार्थवादी आधार पर जल संतुलन और अन्य अध्ययन के लिए राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (राजविअ) की स्थापना जुलाई 1982 में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्त सोसाइटी के रूप में की गई थी। वर्ष 1990 में, राजविअ को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के हिमालयी घटक का कार्य भी सौंपा गया था। वर्ष 2006 में यह निर्णय लिया गया था कि राजविअ अंतर-राज्यीय लिंकों की व्यवहार्यता का पता लगाएगा और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के अंतर्गत नदी लिंक प्रस्तावों की…...और देखें