क्या खबर है play
01-05-2025
जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए आईआईटी दिल्ली और केंद्रीय जल आयोग के बीच करार, दैनिक जागरण, नई दिल्ली,17-04-2025
वर्षा जल संग्रहण और पानी के दोबारा उपयोग से होगा सुधार, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 17-04-202501-04-2025
जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय में सबसे बड़ी चुनौती: उपराष्ट्रपति, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 31-03-202501-04-2025
सात-आठ वर्षो में बचाया 1,100 करोड़ क्यूबिक मीटर जल मोदी, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 01-04-202523-03-2025
बारिश से मिलेगी ऊर्जा और नमी से निकलेगा पानी, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 23-03-202522-03-2025
बारिश का पानी अगर कर लिया स्टोर, फिर पानी की किल्लत No More, नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली, दिनांक: 24-03-202521-03-2025
सिंगापुर-इजरायल के सिस्टम से दूर होगा जलसंकट, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 21-03-202519-03-2025
मॉड्यूलर पिट से होगी एनडीएमसी करेगी जल संचयन, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 19-03-202519-03-2025
Rhine, Thames के फोर्म्युले से यमुना होगी साफ!, नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली, दिनांक: 19-03-202519-03-2025
सामूहिक हो प्रयास, तभी बुझेगा दिल्ली की प्यास, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक:19-03-202519-03-2025
बाढ़ के खतरे की एक मिनट में जानकारी देगा डीप फ्लड एप, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 19-03-202518-03-2025
'नया पानी' की अवधारणा पर करना होगा काम - प्रो. अरुण कंसल, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 18-03-202517-03-2025
यमुना में गिरने वाले नालों की होगी मैपिंग, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 17-03-202513-03-2025
सीवेज ढांचे में कमी से नदियां हो रही प्रदूषित, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 13-03-202512-03-2025
क्लाउड सीडिंग से वर्षा की कमी होगी पूरी, दैनिक जागरण, नई दिल्ली, दिनांक: 12-03-2025
रा.ज.वि.अ. मे आपका स्वागत है
श्री बालेश्वर ठाकुर महानिदेशक, रा.ज.वि.अ.
केंद्रीय जल आयोग और तत्कालीन सिंचाई मंत्रालय (अब जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (डीओडब्ल्यूआर, आरडी और जीआर)) द्वारा तैयार राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के प्रायद्वीपीय नदी विकास घटक को ठोस आकार देने एवं व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली के जल संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए वैज्ञानिक और यथार्थवादी आधार पर जल संतुलन और अन्य अध्ययन के लिए राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (राजविअ) की स्थापना जुलाई 1982 में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्त सोसाइटी के रूप में की गई थी। वर्ष 1990 में, राजविअ को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के हिमालयी घटक का कार्य भी सौंपा गया था। वर्ष 2006 में यह निर्णय लिया गया था कि राजविअ अंतर-राज्यीय लिंकों की व्यवहार्यता का पता लगाएगा और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के अंतर्गत नदी लिंक प्रस्तावों की…...और देखें