हिमालयी घटक (31.03.2022 तक)
राजविअ ने हिमालयी घटक में चौदह लिंकों का पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन पूरा कर लिया है। वे इस प्रकार हैं:
- मानस-संकोश-तिस्ता-गंगा लिंक परियोजना
- जोगीघोपा-तिस्ता-फरक्का लिंक परियोजना
- गंगा-दामोदर-सुवर्णरेखा लिंक परियोजना
- सुवर्णरेखा-महानदी लिंक परियोजना
- फरक्का-सुंदरबन लिंक परियोजना
- गंडक-गंगा लिंक परियोजना
- घाघरा-यमुना लिंक परियोजना
- शारदा-यमुना लिंक परियोजना
- यमुना-राजस्थान लिंक परियोजना
- राजस्थान-साबरमती लिंक परियोजना
- चुनार-सोन बैराज लिंक परियोजना
- सोन बांध-गंगा लिंक परियोजना की दक्षिणी सहायक नदियाँ
- कोसी-घाघरा लिंक परियोजना
- कोसी-मेची लिंक परियोजना।
उपरोक्त 14 लिंक में से, राजविअ ने 9 लिंकों का व्यवहार्यता अध्ययन पूरा कर लिया है नामत:
- शारदा-यमुना लिंक (भारतीय भाग),
- घाघरा-यमुना लिंक (भारतीय भाग),
- मानस-संकोश-तिस्ता-गंगा (एमएसटीजी ) लिंक,
- फरक्का-सुंदरबन (एफएस) लिंक,
- गंडक-गंगा लिंक,
- गंगा-दामोदर-सुवर्णरेखा,
- सुवर्णरेखा-महानदी,
- राजस्थान-साबरमती,
- यमुना-राजस्थान लिंक।
एमएसटीजी लिंक और एफएस लिंक के एफआर को वर्ष 2020-21 के दौरान परिचालित किया गया है, लेकिन शारदा-यमुना लिंक और घाघरा-यमुना लिंक के एफआर को अभी तक परिचालित नहीं किया गया है क्योंकि नेपाल क्षेत्र में काम पूरा नहीं हुआ है। शारदा-यमुना लिंक की व्यवहार्यता रिपोर्ट नेपाल में पंचेश्वर बांध की डीपीआर के आधार पर संशोधन के अधीन है।
संशोधन के तहत व्यवहार्यता रिपोर्ट
- कोसी-घाघरा लिंक
- चुनार-सोन बैराज लिंक।
सुदूर संवेदन मानचित्रों का उपयोग करते हुए सोन बांध-गंगा की दक्षिणी सहायक नदी (एसटीजी) लिंक की एफआर तैयार करने के लिए रणनीति और नवाचारका कार्य पूरा कर लिया गया है और एफआर की तैयारी प्रगति पर है।
कोसी-मेची लिंक जो पूरी तरह से नेपाल क्षेत्र में स्थित है और जोगीघोपा-तिस्ता-फरक्का लिंक जो एमएसटीजी लिंक का एक विकल्प है, वर्तमान में एफआर तैयार करने के लिए लक्षित नहीं हैं। तथापि, जोगीघोपा-तिस्ता-फरक्का लिंक के वन मुक्त संरेखण का पीएफआर पूरा कर लिया गया है और इसे राजविअ के टीएसी के सदस्यों तथा बिहार, असम और पश्चिम बंगाल की संबंधित राज्य सरकारों को दिनांक 13-06-2011 को परिचालित कर दिया गया है।
हिमालयी घटक के मानचित्र के लिए [429.79 KB]